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भारत के उपप्रधानमंत्री
क्र.सं. | नाम | कार्यकाल | प्रधानमन्त्री | दल | विशेष |
1. | सरदार बल्लभ भाई पटेल | 15/08/47 से 15/12/50 तक | जवाहर लाल नेहरू | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 1.देश के प्रथम उपप्रधानमंत्री 2.सबसे लम्बे कार्यकाल वाले उपप्रधानमंत्री (3 वर्ष 4 माह) 3.उपनाम: ‘लौह पुरुष’ गुजरात के बारदोली सत्याग्रह के समय वल्लभ भाई पटेल को महिलाओं ने ‘सरदार’ की उपाधि दी | |
2. | मोरारजी देसाई | 13/03/67 से 19/07/69 तक | इंदिरा गान्धी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | |
3. | चौधरी चरण सिंह | 24/03/77 से 28/07/79 तक | मोरारजी देसाई | जनता पार्टी | |
4. | बाबू जगजीवन राम | 24/03/77 से 28/07/79 तक | मोरारजी देसाई | जनता पार्टी | |
5. | वाई.वी.च्वहान | 28/07/79 से 14/०१/80 तक | चौधरी चरण सिंह | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस समाजवादी | सबसे छोटा कार्यकाल |
6. | चौधरी देवी लाल | 02/12/89 से 01/08/90 तक | विश्वनाथ प्रताप सिंह | जनता दल | |
7. | चोधरी देवी लाल | 10/11/90 से 26/06/91 तक | चन्द्र शेखर | समाजवादी पार्टी | |
8. | लाल कृष्ण आडवाणी | 29/06/02 से 22/05/04 तक | अटल बिहारी वाजपेयी | भाजपा |
Note:
1.उपप्रधानमंत्री का पद संविधान में उल्लेखित नहीं हैं |
प्रधानमन्त्री अपनी इच्छा और आवश्यकतानुसार उपप्रधानमंत्री बनाता हैं |
2.उपप्रधानमंत्री मंत्री के उप में राष्ट्रपति से शपथ लेता हैं और उसी प्रकार राष्ट्रपति को त्याग पत्र दे सकता हैं |
उपप्रधानमंत्री के अधिकार, कर्त्तव्य, उत्तरदायित्व, नियम और शर्तें अन्य केबिनेट मंत्रियों के सामान ही हैं |
3.मोरारजी देसाई सरकार में एक साथ दो उपप्रधानमंत्री बनाए गये हैं |
(अ) चौधरी चरण सिंह, वरिष्ठ उपप्रधानमंत्री
(ब) बाबू जगजीवन राम, कनिष्ठ उपप्रधानमंत्री
4. चौधरी देवी लाल एक मात्र ऐसे उपप्रधानमंत्री रहे है, जो दो प्रधानमंत्रियों के काल में उपप्रधानमंत्री बने |
5 अब तक 7 व्यक्ति उपप्रधान्मंती बनाये गये हैं |
प्रधानमन्त्री और मंत्रिपरिषद से सम्बंधित संवैधानिक प्रावधान
अनुच्छेद 74 (1)
राष्ट्रपति की सहायता और सलाह हेतु मंत्रिपरिषद का प्रावधान |
42 वें संविधान संशोधन 1976 द्वारा राष्ट्रपति को बाध्य किया गया की वह मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार कार्य करेगा |
44 वें संविधान संशोधन 1978 द्वारा लिखा गया की राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद से ऐसी सलाह पर साधारनतया पुनर्विचार के लिए कह सकता हैं | पुनर्विचार के पश्चात डी गई सलाह पर कार्य करना राष्ट्रपति के लिए अनिवार्य हैं |
अनुच्छेद 74 (2): राष्ट्रपति को मंत्रियों द्वारा डी गई सलाह की न्यायालय जाँच नहीं कर सकता |
अनुच्छेद 75 (1): राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमन्त्री की नियुक्ति और प्रधानमन्त्री की सलाह पर अन्य मंत्रियों की नियुक्ति |
अनुच्छेद 75 (1-A): प्रधानमन्त्री सहित मंत्रिपरिषद की कुल सदस्य संख्या, लोकसभा की कुल सदस्य संख्या के 15% से अधिक नहीं (91 वें संविधान संशोधन 2003 द्वारा लागू) |
अनुच्छेद 75 (1-B): दल-बदल के आधार पर संसद सदस्यता से अयोग्य घोषित व्यक्ति मंत्री पद के लिए भी अयोग्य घोषित व्यक्ति मंत्री पद के लिए भी अयोग्य |
अनुच्छेद 75 (2): मंत्री राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करेंगे अर्थात मंत्री व्यक्त्गति रूप से राष्ट्रपति के प्रति उत्तरदायी |
वास्तव में प्रधानमन्त्री की सलाह पर राष्ट्रपति किसी मंत्री को त्यागपत्र देने हेतु कह सकता हैं अथवा उसे बर्खास्त कर सकता हैं |
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