'ढाक के वही तीन पात' लोकोक्ति का भावार्थ है-
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Q:
'ढाक के वही तीन पात' लोकोक्ति का भावार्थ है-
- 1परिणाम कुछ नहीं, बात वहीं की वहीं।true
- 2ढाक के पत्ते तीन-तीन के समूह में होते हैं।false
- 3पतझड़ में भी ढाक के कुछ पत्ते बचे रहते हैं।false
- 4ढाक के उपयोगी पत्तों से सुन्दर दोने बनते हैं।false
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