Hindi Practice Question and Answer

Q:

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए:
 हमारे देश में एक ऐसा भी युग था जब नैतिक और आध्यात्मिक विकास ही जीवन का वास्तविक लक्ष्य माना जाता था। अहिंसा की भावना सर्वोपरि थी। आज पूरा जीवन दर्शन ही बदल गया है। सर्वत्र पैसे की हाय हाय तथा धन का उपार्जन ही मुख्य ध्येय हो गया है, भले ही धन - उपार्जन के तरीके गलत ही क्यों न हों। इन सबका असर मनुष्य के प्रतिदिन के जीवन पर पड़ रहा है। समाज का वातावरण दूषित हो गया है। इन सबके कारण मानसिक और शारीरिक तनाव - खिंचाव और व्याधियाँ पैदा हो रही हैं। 
आज आदमी धन के पीछे अंधाधुंध दौड़ रहा है। पाँच रुपये मिलने पर दस दस मिलने पर सौ और सौ मिलने पर हजार की लालसा लिए वह इस अंधी दौड़ में शामिल है। इस दौड़ का कोई अंत नहीं । धन की इस दौड़ में सभी पारिवारिक और मानवीय संबंध पीछे छूट गए। व्यक्ति सत्य - असत्य, उचित - अनुचित, न्याय - अन्याय और अपने - पराए के भेद - भाव को भूल गया। उसके पास अपनी पत्नी और संतान के लिए भी समय नहीं धन के लिए पुत्र का पिता के साथ, बेटी का माँ के साथ और पति का पत्नी के साथ झगड़ा हो रहा है। भाई - भाई के खून का प्यासा है। धन की लालसा व्यक्ति को जघन्य से जघन्य कार्य करने के लिए उकसा रही है। इस लालसा का ही परिणाम है कि जगह - जगह हत्या, लूट, अपहरण और चोरी डकैती की घटनाएँ बढ़ रही हैं। इस रोगी मनोवृत्ति को बदलने के लिए हमें हर स्तर पर प्रयत्न करने होंगे।

'शारीरिक' शब्द में प्रत्यय करने पर शब्द बनेगा- 

417 0

  • 1
    शरीर+ ईक
    Correct
    Wrong
  • 2
    शरीर+ इक
    Correct
    Wrong
  • 3
    शरिर+ इक
    Correct
    Wrong
  • 4
    इनमे से नहीं
    Correct
    Wrong
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  • Workspace

Answer : 2. "शरीर+ इक "

Q:

निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नउत्तर लिखिए :
भारतीय नारी त्याग, बलिदान, साहस, शक्ति तथा सेवा की सजीव मूर्ति है। जीवन में सुख - दुःख में छाया की भाँति पुरुष का साथ देने के कारण वह अर्द्धांगिनी, घर की व्यवस्थापिका होने के कारण वह लक्ष्मी और श्लाघनीय गुणों के कारण वह देवी कही जाती है। स्वार्थ और भोग - लिप्सा को तिलांजलि देकर भारतीय नारी ने आत्म बलिदान के द्वारा समय - समय पर ऐसी ज्योति प्रज्जवलित की है कि उसके पुनीत प्रकाश में पुरुष ने अपना मार्ग ढूँढ़ा है। उसकी शक्ति के आगे तो यमराज को भी हारना पड़ा नारी का सम्मान करके ही पुरुष का जीवन कुसुम सुवासित होता है । भारतीय संस्कृति के अनुसार जहाँ नारी का सम्मान होता है, वहाँ देवता निवास करते हैं।

भोग - लिप्सा में कौन - सा समास है- 

858 0

  • 1
    द्विगु समास
    Correct
    Wrong
  • 2
    कर्मधारय समास
    Correct
    Wrong
  • 3
    तत्पुरुष समास
    Correct
    Wrong
  • 4
    द्वन्द्व समास
    Correct
    Wrong
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Answer : 3. "तत्पुरुष समास "

Q:

निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नउत्तर लिखिए :
भारतीय नारी त्याग, बलिदान, साहस, शक्ति तथा सेवा की सजीव मूर्ति है। जीवन में सुख - दुःख में छाया की भाँति पुरुष का साथ देने के कारण वह अर्द्धांगिनी, घर की व्यवस्थापिका होने के कारण वह लक्ष्मी और श्लाघनीय गुणों के कारण वह देवी कही जाती है। स्वार्थ और भोग - लिप्सा को तिलांजलि देकर भारतीय नारी ने आत्म बलिदान के द्वारा समय - समय पर ऐसी ज्योति प्रज्जवलित की है कि उसके पुनीत प्रकाश में पुरुष ने अपना मार्ग ढूँढ़ा है। उसकी शक्ति के आगे तो यमराज को भी हारना पड़ा नारी का सम्मान करके ही पुरुष का जीवन कुसुम सुवासित होता है । भारतीय संस्कृति के अनुसार जहाँ नारी का सम्मान होता है, वहाँ देवता निवास करते हैं।

तिलांजलि शब्द का संधि - विच्छेद होगा- 

1710 0

  • 1
    तिल + अंजलि
    Correct
    Wrong
  • 2
    तिलां + जलि
    Correct
    Wrong
  • 3
    तिल + अंजनी
    Correct
    Wrong
  • 4
    तील + अंजली
    Correct
    Wrong
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Answer : 1. "तिल + अंजलि "

Q:

निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नउत्तर लिखिए :
भारतीय नारी त्याग, बलिदान, साहस, शक्ति तथा सेवा की सजीव मूर्ति है। जीवन में सुख - दुःख में छाया की भाँति पुरुष का साथ देने के कारण वह अर्द्धांगिनी, घर की व्यवस्थापिका होने के कारण वह लक्ष्मी और श्लाघनीय गुणों के कारण वह देवी कही जाती है। स्वार्थ और भोग - लिप्सा को तिलांजलि देकर भारतीय नारी ने आत्म बलिदान के द्वारा समय - समय पर ऐसी ज्योति प्रज्जवलित की है कि उसके पुनीत प्रकाश में पुरुष ने अपना मार्ग ढूँढ़ा है। उसकी शक्ति के आगे तो यमराज को भी हारना पड़ा नारी का सम्मान करके ही पुरुष का जीवन कुसुम सुवासित होता है । भारतीय संस्कृति के अनुसार जहाँ नारी का सम्मान होता है, वहाँ देवता निवास करते हैं।

अर्द्धांगिनी शब्द का क्या अर्थ है? 

607 0

  • 1
    सम्मान
    Correct
    Wrong
  • 2
    सहेली
    Correct
    Wrong
  • 3
    कुसुम
    Correct
    Wrong
  • 4
    पत्नी
    Correct
    Wrong
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Answer : 4. " पत्नी"

Q:

निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नउत्तर लिखिए :
जीवन के किसी भी क्षेत्र में शिखर तक पहुंचने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति और कठिन परिश्रम की आवश्यकता पड़ती है। कई लोग ऐसे भी हुए हैं जिन्होंने शारीरिक अक्षमता के बावजूद संघर्ष किया है और लक्ष्य प्राप्त किया है। ऐसा ही एक नाम है- सुधा चंद्रन पैर खराब होने के बावजूद वह चोटी की नृत्यांगना बनी। सुधा चंद्रन की माता श्रीमती धंगम एवं पिता श्री के. डी . चंद्रन की हार्दिक इच्छा थी कि उनकी पुत्री राष्ट्रीय ख्याति की नृत्यांगना बने। इसीलिए चंद्रन दंपति ने सुधा को पाँच वर्ष की अल्पायु में ही मुंबई के प्रसिद्ध नृत्य विद्यालय ' कला - सदन में प्रवेश दिलवाया। पहले पहल तो नृत्य विद्यालय के शिक्षकों ने इतनी छोटी उम्र की बच्ची के दाखिले में हिचकिचाहट महसूस की किंतु सुधा की प्रतिभा देखकर सुप्रसिद्ध नृत्य शिक्षक श्री के . एस. रामास्वामी भागवतार ने उसे शिष्या के रूप में स्वीकार कर लिया और सुधा उनसे नियमित प्रशिक्षण प्राप्त करने लगी।

शिष्य शब्द का पर्यायवाची है? 

545 0

  • 1
    अनुगामी
    Correct
    Wrong
  • 2
    छात्र
    Correct
    Wrong
  • 3
    शागिर्द
    Correct
    Wrong
  • 4
    उपरोक्त सभी
    Correct
    Wrong
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Answer : 4. "उपरोक्त सभी"

Q:

निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नउत्तर लिखिए :
जीवन के किसी भी क्षेत्र में शिखर तक पहुंचने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति और कठिन परिश्रम की आवश्यकता पड़ती है। कई लोग ऐसे भी हुए हैं जिन्होंने शारीरिक अक्षमता के बावजूद संघर्ष किया है और लक्ष्य प्राप्त किया है। ऐसा ही एक नाम है- सुधा चंद्रन पैर खराब होने के बावजूद वह चोटी की नृत्यांगना बनी। सुधा चंद्रन की माता श्रीमती धंगम एवं पिता श्री के. डी . चंद्रन की हार्दिक इच्छा थी कि उनकी पुत्री राष्ट्रीय ख्याति की नृत्यांगना बने। इसीलिए चंद्रन दंपति ने सुधा को पाँच वर्ष की अल्पायु में ही मुंबई के प्रसिद्ध नृत्य विद्यालय ' कला - सदन में प्रवेश दिलवाया। पहले पहल तो नृत्य विद्यालय के शिक्षकों ने इतनी छोटी उम्र की बच्ची के दाखिले में हिचकिचाहट महसूस की किंतु सुधा की प्रतिभा देखकर सुप्रसिद्ध नृत्य शिक्षक श्री के . एस. रामास्वामी भागवतार ने उसे शिष्या के रूप में स्वीकार कर लिया और सुधा उनसे नियमित प्रशिक्षण प्राप्त करने लगी।

विद्यालय  की सन्धि क्या है?

512 0

  • 1
    विद्या + आलय
    Correct
    Wrong
  • 2
    विद्य + आलय
    Correct
    Wrong
  • 3
    विद्या + अलय
    Correct
    Wrong
  • 4
    विद्या + आलया
    Correct
    Wrong
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Answer : 1. "विद्या + आलय"

Q:

निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नउत्तर लिखिए :
जीवन के किसी भी क्षेत्र में शिखर तक पहुंचने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति और कठिन परिश्रम की आवश्यकता पड़ती है। कई लोग ऐसे भी हुए हैं जिन्होंने शारीरिक अक्षमता के बावजूद संघर्ष किया है और लक्ष्य प्राप्त किया है। ऐसा ही एक नाम है- सुधा चंद्रन पैर खराब होने के बावजूद वह चोटी की नृत्यांगना बनी। सुधा चंद्रन की माता श्रीमती धंगम एवं पिता श्री के. डी . चंद्रन की हार्दिक इच्छा थी कि उनकी पुत्री राष्ट्रीय ख्याति की नृत्यांगना बने। इसीलिए चंद्रन दंपति ने सुधा को पाँच वर्ष की अल्पायु में ही मुंबई के प्रसिद्ध नृत्य विद्यालय ' कला - सदन में प्रवेश दिलवाया। पहले पहल तो नृत्य विद्यालय के शिक्षकों ने इतनी छोटी उम्र की बच्ची के दाखिले में हिचकिचाहट महसूस की किंतु सुधा की प्रतिभा देखकर सुप्रसिद्ध नृत्य शिक्षक श्री के . एस. रामास्वामी भागवतार ने उसे शिष्या के रूप में स्वीकार कर लिया और सुधा उनसे नियमित प्रशिक्षण प्राप्त करने लगी।

निम्न में से कौन सा शब्द शुद्ध है?

476 0

  • 1
    श्रीमती
    Correct
    Wrong
  • 2
    बावजुद
    Correct
    Wrong
  • 3
    हिचकिआहट
    Correct
    Wrong
  • 4
    उपरोक्त सभी
    Correct
    Wrong
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  • Workspace

Answer : 1. "श्रीमती"

Q:

निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नउत्तर लिखिए :
जीवन के किसी भी क्षेत्र में शिखर तक पहुंचने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति और कठिन परिश्रम की आवश्यकता पड़ती है। कई लोग ऐसे भी हुए हैं जिन्होंने शारीरिक अक्षमता के बावजूद संघर्ष किया है और लक्ष्य प्राप्त किया है। ऐसा ही एक नाम है- सुधा चंद्रन पैर खराब होने के बावजूद वह चोटी की नृत्यांगना बनी। सुधा चंद्रन की माता श्रीमती धंगम एवं पिता श्री के. डी . चंद्रन की हार्दिक इच्छा थी कि उनकी पुत्री राष्ट्रीय ख्याति की नृत्यांगना बने। इसीलिए चंद्रन दंपति ने सुधा को पाँच वर्ष की अल्पायु में ही मुंबई के प्रसिद्ध नृत्य विद्यालय ' कला - सदन में प्रवेश दिलवाया। पहले पहल तो नृत्य विद्यालय के शिक्षकों ने इतनी छोटी उम्र की बच्ची के दाखिले में हिचकिचाहट महसूस की किंतु सुधा की प्रतिभा देखकर सुप्रसिद्ध नृत्य शिक्षक श्री के . एस. रामास्वामी भागवतार ने उसे शिष्या के रूप में स्वीकार कर लिया और सुधा उनसे नियमित प्रशिक्षण प्राप्त करने लगी।

प्रशिक्षण शब्द में कौन सा उपसर्ग है? 

546 0

  • 1
    प्रा
    Correct
    Wrong
  • 2
    प्रति
    Correct
    Wrong
  • 3
    प्र
    Correct
    Wrong
  • 4
    प्रशि
    Correct
    Wrong
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Answer : 3. "प्र "

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