'बड़े - बड़े महात्मा सदैव लोगों की शंकाओं का समाधान करने के लिए उद्यत रहते हैं' वाक्य में कौन - सा काल है?
5निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्न के उत्तर दीजिए-
विद्याभ्यासी पुरुष को साथियों का अभाव कभी नहीं रहता। उसकी कोठरी में सदा ऐसे लोगों का वास रहता है, जो अमर हैं। वे उसके प्रति सहानुभूति प्रकट करने और उसे समझाने के लिए सदा प्रस्तुत रहते हैं। कवि, दार्शनिक और विद्वान जिन्होंने प्रकृति के रहस्यों का उद्घाटन किया है और बड़े - बड़े महात्मा, जिन्होंने आत्मा के गूढ़ रहस्यों की थाह लगा ली है, सदा उसकी बातें सुनने और उसकी शंकाओं का समाधान करने के लिए उद्यत रहते हैं। बिना किसी उद्देश्य के सरसरी तौर पर पुस्तकों के पन्ने उलटते जाना अध्ययन नहीं है। लिखी हुई बातों को विचारपूर्वक, पूर्णरूप से हृदय से ग्रहण करने का नाम अध्ययन है। प्रत्येक स्त्री - पुरुष को अपनी शिक्षा का उद्देश्य स्थिर कर लेना चाहिए।
Q:
'बड़े - बड़े महात्मा सदैव लोगों की शंकाओं का समाधान करने के लिए उद्यत रहते हैं' वाक्य में कौन - सा काल है?
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- 4संभाव्य वर्तमान कालfalse
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