'कवि' का स्त्रीलिंग है-
5निम्न गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए
संसार के सभी देशों में शिक्षित व्यक्ति की सबसे पहली पहचान यह होती है कि वह अपनी मातृभाषा में दक्षता से काम कर सकता है। केवल भारत ही एक देश है, जिसमें शिक्षित व्यक्ति वह समझा जाता है जो अपनी मातृभाषा में दक्ष हो या नहीं, किन्तु अंग्रेजी में जिसकी दक्षता असंदिग्ध हो। संसार के अन्य देशों में सुसंस्कृत व्यक्ति वह समझा जाता है, जिसके घर में अपनी भाषा की पुस्तकों का संग्रह हो और जिसे बराबर यह पता रहे कि उसकी भाषा के अच्छे लेखक और कवि कौन हैं तथा समय समय पर उनकी कौन - सी कृतियां प्रकाशित हो रही हैं। भारत में स्थिति दूसरी है। यहाँ प्रायः घर में साज - सज्जा के आधुनिक उपकरण तो होते हैं, किन्तु अपनी भाषा की कोई पुस्तक या पत्रिका दिखाई नहीं पड़ती। यह दुरवस्था भले ही किसी ऐतिहासिक प्रक्रिया का परिणाम है, किन्तु वह सुदशा नहीं , दुरवस्था ही है और जब तक यह दुरवस्था नियम है, हमें अपने आप को, सही अर्थों में शिक्षित और सुसंस्कृत मानने का ठीक - ठीक न्यायसंगत अधिकार नहीं है।
Q:
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Answer : 4. "कवयित्री"
Explanation :
1. संज्ञा शब्द के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि वह पुरुष जाति का है या स्त्री जाति का, उसे लिंग कहते हैं।
- पुल्लिंग – जो शब्द पुरुष जाति का बोध कराते हैं, वे पुल्लिंग कहलाते हैं; जैसे- विद्वान मोती, कौआ, खरगोश, मंडल घोड़ा, हाथी, कुत्ता, आयुष पक्षी, चीता, पानी आदि।
- स्त्रीलिंग - जो शब्द स्त्रीलिंग जाति का बोध कराते हैं, वे स्त्रीलिंग कहलाते हैं; जैसे- कवयित्री, लिपि, पढ़ाई, समझ,ममता, चील, जोंक, कोयल, विदुषी, तृष्णा, बेटी, पुत्री, शिक्षिका, गाय, मोरनी, माता, लड़की, भेद, गाय, भैंस, बकरी, लोमड़ी, बंदरिया, मछली, बुढिया, शेरनी, नारी, रानी आदि।