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निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर प्रश्नउत्तर लिखिए :
 सुखी, सफल और उत्तम जीवन जीने के लिए किए गए आचरण और प्रयत्नों का नाम ही धर्म है। देश, काल और सामाजिक मूल्यों की दृष्टि से संसार में भारी विविधता है , अतएव अपने - अपने ढंग से जीवन को पूर्णता की ओर ले जानेवाले विविध धर्मों के बीच भी ऊपर से विविधता दिखाई देती है। आदमी का स्वभाव है कि वह अपने विचारों और जीने के तौर तरीकों को तथा अपनी भाषा और खानपान को सर्वश्रेष्ठ मानता है तथा चाहता है कि लोग उसी का अनुसरण और अनुकरण करें; यथाशक्ति दूसरों से अपने धर्म को श्रेष्ठतर समझते हुए वह चाहता है कि सभी लोग उसे अपनाएँ। इसके लिए वह जोर - जबर्दस्ती को भी बुरा नहीं समझता। धर्म के नाम पर होनेवाले जातिगत विद्वेष, मारकाट और हिंसा के पीछे मनुष्य की यही स्वार्थ भावना काम करती है।

Q:

' यथाशक्ति ' शब्द में समास का प्रकार है 

  • 1
    अव्ययीभाव
  • 2
    तत्पुरुष
  • 3
    बहुव्रीहि
  • 4
    कर्मधारय
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Answer : 1. "अव्ययीभाव "

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